Central Academy: A Poem By Manjeet Yadav



केंद्रीय अकादमी : एक तालीम प्रदायक


केंद्रीय अकादमी


कोरे कागज पर जिसने रचा इतिहास है,
जिसके अंदर बच्चों को पढ़ाने की प्यास है,
25  साल होने को है जिसको
वह केंद्रीय अकादमी कुछ खास है 
शिक्षा प्रणाली का नियम भी बिंदास है,
जिसने ना पढ़ा वह नाकाम जिसने पढ़ा वह पास है ।।

लगन और निष्ठा का कर लो ध्यान तुम,
सभी शिक्षकों का करो सम्मान तुम 
जीत भी तेरी होगी मकाम भी तेरा होगा,
होगा हर तरफ उजियारा ना कहीं अंधेरा होगा ।।

जिसने किया कठिनाइयों का सामना,
वह मेहनत का महत्व जानते हैं 
नहीं तो नाकारे लोग,
अपने नकारेपन को ही अपनी किस्मत मानते हैं ।।

मानवता का संचार करो,
अच्छे काम हर बार करो 
स्वयं श्रेय धिक्कार कर
मां-बाप का आभार करो ।।


कवि - मंजीत यादव

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